Friday 19 July 2013

बस यूँ ही...

आज पहली दफा एक दोस्त ने पूछा,
इतने ग़मगीन क्यों नजर आते हो?

मैंने एक ठंडी आह भरी,

और स्मृतियों से कोई एक मुक्कमल वजह
तलाशने की नाकाम कोशिश की,

फिर दिल में चुभे तीरों की ओर झांक कर
सबसे गहरे चुभे तीर को चुनने की कोशिश की,

फिर कुछ सोच कर,

न जाने कितने टूटे सपनो की चुभन
सहते सहते पीली पड़ गई आँखों को मसला,

ओर बेलब्ज ही सिल चुके होंठो पर,
बेजान जबान फेरते हुए कहा..

कुछ नहीं यार बस यूँ ही..... 

Thursday 18 July 2013

उनकी मुस्कराहट....

मेरे दिल की गहराइयों कोछु जाती है उनकी मुस्कराहट,


मेरा हर अश्क पी जाती हैउनकी मुस्कराहट,

जिन्दगी का साथ हम कैसे छोड़ दें,हर रोज जीना सिखाती है उनकी मुस्कराहट,

शहद सी घुल के मेरे कानो मेंसुकून बन के छलक जाती है,

उनकी मुस्कराहट....



Wednesday 17 July 2013

उडान

मुश्किलों के कोहरे को चीर कर,
अन्धेरों से रौशनी का कतरा छीन कर,
अपना मुकाम बनाना चाहती हूँ,
सितारों पे अपना नाम लिखना चाहती हूँ,
मैं एक ऊँची उडान भरना चाहती हूँ।

वक्त के जलजलो को मैंने भी देखा है,
काँटों की चुभन को मैंने भी सहा है,
कई मीलो का सफ़र है ये मैंने भी जाना है,
फिर भी अपने ख्वाबों को हकीकत मैं बदलना चाहती हूँ,
मैं एक ऊँची उडान भरना चाहती हूँ।

है मुमकिन कहीं हार जाऊं,
तुफानो की तेज हवाओं में बिखर जाऊं,
टूट जाये आस, छुट जाये मंजिलें,
पर वक्त के फैसले को मैं मोड़ना जानती हूँ,
मैं एक ऊँची उडान भरना चाहती हूँ।

Monday 1 July 2013

जिन्दगी

सूरज तो तपता रहेगा
उसकी तपन नहीं
इक रौशनी की किरण से
जगमगा देना तुम अपनी जिन्दगी को,

चाँद से तुम रौशनी की आस न करना
उसकी शीतलता से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को,

फूलो में तो कांटे भी होते है
पर निराश न होना,
उनकी खुशबु से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को

तारो से न मिलेगा तुम्हे कुछ भी
उनकी तरह मुस्कराहट से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को

इक ठूंठ भी बहुत कुछ सिखा देता है हमे
उसकी तरह होसले से भर देना
तुम अपनी जिन्दगी को,

रेगिस्तान को देखकर तो घबरा जाओ तुम
पर तब भी, पर तब भी
इक बूंद की आस से भर लेना
तुम अपनी जिन्दगी को,

हर शय में ख़ुशी छुपी होती है,


इन खुशियों से भर देना तुम अपनी जिन्दगी को...